गरीब दर्शन / मोतीहारी
कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव इस वर्ष पूरे शहर से लेकर गांवों तक बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर हर जगह भक्तिभाव का माहौल छाया रहा, जहां श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया। खासकर अंबिका नगर के प्रसिद्ध परम्बा शक्ति पीठ में श्रद्धालुओं ने कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए। मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन की गूंज से माहौल भक्तिमय हो गया। भक्तों ने “हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” और “नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” जैसे भजनों के साथ भगवान श्रीकृष्ण के गुणगान किए। इस अवसर पर भक्तों ने भगवान को छप्पन भोग समर्पित किया, जिससे मंदिर का दृश्य बेहद मनोहारी हो गया। कृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर शहर और गांवों के अनेक घरों में भी महोत्सव की धूम रही। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी आस्था प्रकट की। छोटे बच्चों ने भगवान श्रीकृष्ण के रूप में सज-धज कर मनमोहक झांकियां प्रस्तुत कीं, जो सभी के आकर्षण का केंद्र रहीं। इस मौके पर कई परिवारों ने उपवास रखकर व्रत का पालन किया। पुरुष, महिलाएं, और बच्चे सभी ने मिलकर भगवान की पूजा-अर्चना की और विभिन्न प्रकार के फल, मिष्ठान, और पकवान भगवान को अर्पित किए। भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में अपने समर्पण को व्यक्त किया और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए प्रार्थना की। पूरे क्षेत्र में कृष्ण जन्माष्टमी के इस महोत्सव ने भक्ति और श्रद्धा का माहौल बना दिया। मंदिरों और घरों में श्रीकृष्ण की मूर्तियों की स्थापना की गई और चारों ओर भजन-कीर्तन की मधुर ध्वनि गूंजती रही। यह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना बल्कि लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश भी फैलाया। कुल मिलाकर, इस वर्ष का कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव हर दृष्टि से विशेष और यादगार रहा, जहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आयोजन पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ किया गया।