होनहार बिटिया युसरा फातिमा ने अपने प्रतिभा के बदौलत देश और दुनिया में सुर्खियों में छाई

गरीब दर्शन / सीवान – देशरत्न डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद की धरती सीवान जिले कि होनहार बिटिया युसरा फातिमा का जन्म सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के तेतहली गांव में हुआ।आगे आपको बता दे कि इनके पिताजी शकील अहमद अपनी इस होनहार बेटी की इस असाधारण उपलब्धि और सबसे बड़ी कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहे हैं।वही युसरा फातिमा के परिवार और गांव के सभी लोग युसरा फातिमा के इस बड़ी उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं।युसरा फातिमा के परिवार के लोगों ने हमेशा शुरू से ही शिक्षा और साहित्यिक गतिविधियों को महत्व देते हुए आए है।जिसका सबसे बड़ा उदाहरण युसरा फातिमा पर बचपन से ही देखने को मिलने लगा था।युसरा फातिमा के माता-पिताजी ने पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हुए साथ ही साथ रचनात्मकता को भी शुरू से ही हमेशा प्रोत्साहित करते हुए आए हैं।इसी के बदौलत युसरा फातिमा ने पुरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया अपनी लेखनी व प्रतिभा के बल पर ‘बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज कराकर सीवान जिले को गौरवान्वित किया है युसरा फातिमा ने।यह सम्मान उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि के लिए दिया गया है।जहाँ युसरा फातिमा ने बेहद ही कम उम्र में सबसे अधिक कविताएं और किताबें लिखने का रिकॉर्ड बनाकर देश और दुनिया को आश्चरयचकित कर चौका दिया है।सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के तेतहली गांव की निवासी युसरा फातिमा ने यह कारनामा महज अपने 15 साल की उम्र में ही कर दिखाया है।जो आज वर्तमान समय में समाज के सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत सबसे बड़ी मिशाल बन चुकी हैं युसरा फातिमा।आगे आपको ज्ञात हो कि युसरा फातिमा गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड के विशंभरापुर आरएम पब्लिक स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा थी।जहाँ उनकी कविताएँ 8 साल की उम्र में शुरू हो चुकी थी।इतनी छोटी सी उम्र में ही युसरा फातिमा ने अपने विचारों और भावनाओं को कागज पर उकेरना उतारना लिखना शुरू कर दिया था।युसरा फातिमा कि सभी कविताएं समाजिक…इंसानी रिश्ते…महिलाओं बहन बेटियों के अधिकारों पर जागरूक करते हुए आधारित होती हैं।वही गोपालगंज जिले स्थित आर एम पब्लिक स्कूल में युसरा फातिमा द्वारा विश्व रिकॉर्ड बनाने पर यूसरा फ़ातिमा को सम्मानित भी किया गया।जहाँ आर एम पब्लिक स्कूल में एक विशेष समारोह आयोजित कर इस विधालय की पूर्व छात्रा यूसरा फ़ातिमा को स्कूल प्रबंधन समिति कमेटी और छात्र छात्राओं द्वारा सम्मानित किया गया। 15 वर्ष की आयु में सबसे अधिक कविता पुस्तकें लिखने का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली सीवान जिले कि होनहार बिटिया युसरा फातिमा को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिलने पर सीवान जिले के साथ साथ आज पुरा देश और दुनिया भी गौरवान्वित महसूस कर रहा है।युसरा फातिमा ने आगे बताया कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैंने महज 15 वर्ष की उम्र में ही सबसे अधिक कविताओं पुस्तकों लिखने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। जिसे प्रतिष्ठित ब्रावो इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता भी दे दी गई है।युसरा फातिमा की पहली पुस्तक “जज़्बा” जुलाई वर्ष 2019 में प्रकाशित हुई थी। युसरा फातिमा महज 11 साल और 9 महीने की थीं। इसके बाद युसरा फातिमा की “मेरे हिस्से की कोशिश” “शाम और तन्हाई” और “बेरुखी” पुस्तकों का प्रकाशन हुआ। “बेरुखी” अप्रैल वर्ष 2023 में प्रकाशित हुई। जब युसरा फातिमा 15 साल और 6 महीने की थीं। जिससे युसरा फातिमा आधिकारिक तौर पर विश्व रिकॉर्ड धारक बन चुकी थी। बीते पिछले साल ही यूसरा फ़ातिमा को इस उपलब्धि के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी सम्मानित किया जा चुका है।

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