किसानों के लिए वरदान बनी चीनी मिल
सुगौली चीनी मिल की प्रगति लगातार बढ़ता हुआ उत्पादन और पेराई समय
गन्ना पेराई में हुआ बढ़ोतरी इस वर्ष का लक्ष्य 50 लाख क्विंटल
कारखाने की प्रगति में महाप्रबंधक विजय कुमार दीक्षित की अहम भूमिका
बिहार सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों के लिए प्रगति का नया मार्ग
सुगौली चीनी मिल किसानों के लिए आशा की किरण
गरीब दर्शन / मोतिहारी –
पूर्वी चम्पारण जिले के सुगौली चीनी मिल क्षेत्र में आज बृह्म मुहूर्त में एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड के पेराई सत्र 2024-25 का शुभारंभ हो गया है। किसानों के खेतों में गन्ना फसल की कटाई, बैलों की घंटियों की ध्वनि और ट्रैक्टर की आवाज ने इस शुभ अवसर को और भी खास बना दिया है। इस सत्र में अगेती प्रजाति के खूंटी गन्ने की कटाई कर किसानों ने मिल में गन्ने की आपूर्ति शुरू कर दी है। सुगौली की यह मिल पिछले कई वर्षों से क्षेत्र के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस मिल ने 2011 से अपनी निरंतरता बनाए रखी है और हजारों किसान परिवारों, कृषि मजदूरों, और कर्मचारियों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन चुकी है। साथ ही, इसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया है।पिछले कुछ वर्षों में पेराई सत्र की अवधि लगातार बढ़ती गई है। 2020-21 में यह कारखाना 65 दिन चला, जो 2021-22 में 81 दिन, 2022-23 में 110 दिन, और 2023-24 में 132 दिनों तक चला। इस वर्ष पेराई का अनुमान 150 दिनों तक चलने का है, जो किसानों के लिए एक शुभ संकेत है। गन्ने की पेराई की मात्रा भी हर वर्ष बढ़ती जा रही है। 2020-21 में यह आंकड़ा 19 लाख कुंटल था, जो 2021-22 में 23 लाख, 2022-23 में 40 लाख, और 2023-24 में 41 लाख कुंटल तक पहुंचा। इस सत्र में 50 लाख कुंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा गया है, जिसे लगभग 150 दिनों में पूरा करने का उद्देश्य है।कारखाने के महाप्रबंधक विजय कुमार दीक्षित के नेतृत्व में कारखाने में समय पर मरम्मत कार्य पूरा होता है और पेराई सत्र के दौरान मशीनरी ब्रेकडाउन नगण्य होती है। उनकी प्रबंधन कुशलता और कर्मचारियों के साथ सद्भावना ने किसानों में गन्ना फसल के प्रति रुचि को बढ़ाया है। किसानों को सही तौल और समय पर गन्ना मूल्य भुगतान मिलने से उनका विश्वास इस मिल में और भी गहरा हुआ है। बिहार सरकार के गन्ना उद्योग विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी लाभ मिल क्षेत्र के किसानों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना के अंतर्गत किसानों को वैज्ञानिक खेती का प्रशिक्षण, उन्नत बीज पर अनुदान, और कीटनाशक दवाओं पर अनुदान जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे गन्ना उत्पादन में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है।कुल मिलाकर, एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड, सुगौली की यह इकाई किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। अपने निरंतर बढ़ते हुए उत्पादन और क्षेत्र में आय सृजन की संभावनाओं के कारण, इस मिल ने पूर्वी चम्पारण की अर्थव्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचार किया है।