“भारत की चंद्र महत्वाकांक्षाएं: चंद्रयान -3 की भूमिका” विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का होगा आयोजन
गरीब दर्शन / मोतिहारी।
महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा आगामी 23 अगस्त, 2024 को “भारत की चंद्र महत्वाकांक्षाएं: चंद्रयान -3 की भूमिका” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित होगी। यह कार्यक्रम सफल चंद्रयान-3 मिशन के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के अप्रेंटिसशिप सेल द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह सेमिनार प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को चिह्नित करने वाले राष्ट्रव्यापी उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश के युवाओं को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोगों की संभावनाओं के प्रति आकर्षित और प्रेरित करना है। इस वर्ष की थीम है “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।”
कार्यक्रम के दौरान अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञ अपनी अंतर्दृष्टि साझा करेंगे। इसरो के पूर्व वैज्ञानिक और सीयूएसएटी, कोच्चि में एमेरिटस प्रोफेसर डॉ. सेक्कर वेंकटरमन, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकी और वायुमंडलीय विज्ञान के विशेषज्ञ प्रो. शांतनु रस्तोगी चंद्रयान -3 मिशन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालेंगे और भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों को आगे बढ़ाने में इसके महत्व पर चर्चा करेंगे। अप्रेंटिसशिप सेल के नोडल अधिकारी डॉ. पवन कुमार कार्यक्रम का परिचय प्रस्तुत करेंगे और छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान में नवीनतम विकास से जोड़ने में ऐसे आयोजनों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारें में जानकारी साझा करेंगे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अकादमिक समुदाय को प्रेरित करना और छात्रों के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान में अधिक गहरी रुचि को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम का समापन भौतिकी विभाग डॉ. श्वेता सिंह द्वारा दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ होगा, जो सम्मानित अतिथियों और प्रतिभागियों के योगदान को रेखांकित करेंगी।