सात ठिकानों पर छापेमारी जारी
गरीब दर्शन / पटना / बेतिया – बिहार के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खुलते ही तहलका मच गया है। बेतिया के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर उनकी करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा किया। छापेमारी के दौरान अब तक 2.87 करोड़ रुपये नकद बरामद होने की सूचना है। इस रकम को गिनने के लिए नोट गिनने की मशीनें मंगानी पड़ी।गुरुवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में विजिलेंस की 40 सदस्यीय टीम ने बेतिया, बगहा, समस्तीपुर, मधुबनी, और दरभंगा में डीईओ के घर और अन्य ठिकानों पर दबिश दी। डीईओ के बेतिया स्थित बसंत विहार कॉलोनी के आवास में छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नकदी मिलने की बात सामने आई है। डीईओ के करीबी माने जाने वाले हेड क्लर्क अंजनी कुमार के घर पर भी छापेमारी हुई, लेकिन वहां ताला लटका मिला। पड़ोसियों के मुताबिक, कार्रवाई की भनक लगते ही अंजनी कुमार सपरिवार फरार हो गया। रजनीकांत की पत्नी सुष्मा शर्मा भी भ्रष्टाचार में पीछे नहीं हैं। वे दरभंगा, समस्तीपुर और बगहा में निजी स्कूलों की मालिक हैं। उनकी सास निर्मला शर्मा रिटायर्ड टीचर हैं, जबकि उनकी साली पूनम शर्मा समस्तीपुर के श्रीकृष्णा हाई स्कूल में शिक्षिका हैं। समस्तीपुर के बहादुरपुर स्थित ससुराल और बगहा के वाल्मीकि नगर में भी छापेमारी की गई है। निगरानी विभाग के अनुसार, डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने 2005 से अब तक 1.87 करोड़ की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी आय के स्रोतों से मेल नहीं खाती। वे पहले भी दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर में शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात रह चुके हैं। छापेमारी के दौरान नकद, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और अन्य कागजात मिलने का सिलसिला जारी है। नोटों की गिनती के लिए मशीनें लगाई गई हैं, और टीम को इसे संभालने में पसीने छूट रहे हैं। विजिलेंस की छापेमारी पूरी होने के बाद ही डीईओ के पास मौजूद संपत्ति का पूरा ब्योरा सामने आएगा। फिलहाल यह स्पष्ट हो गया है कि रजनीकांत प्रवीण ने अपनी गरिमा और पद का दुरुपयोग कर शिक्षा विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया। नाम रजनीकांत, काम में प्रवीण – डीईओ रजनीकांत प्रवीण का नाम भ्रष्टाचार की लिस्ट में दर्ज हो चुका है। अब देखना यह है कि कानून का शिकंजा इस काले धन के कुबेर पर कैसे कसता है।