खबर का असर
कृभको के प्रबंध निदेशक राजन चौधरी बर्खास्त, प्रबंध निदेशक के पद पर सेवा विस्तार के तहत सेवा दे रहे निदेशक (तकनीक) एमआर शर्मा नियुक्त

— अर्जित लाभ में लगातार गिरावट एवं अन्य अनियमितताओं को लेकर कृभको प्रबंधन ने प्रबंध निदेशक को किया बर्खास्त
—15 अगस्त 2024 के हिंदी दैनिक गरीब दर्शन अखबार ने कृभको में व्याप्त भ्रष्टाचार, अर्जित लाभ में निरंतर गिरावट सहित कई अनियमितताओं को प्रमुखता से की थी उजागर
— वर्षों से विभागीय निदेशक के अलावा करीब ढाई दर्जन से अधिक ऊंच पदों से सेवानिवृत हुए चिंहित अधिकारियों को अध्यक्ष,उपाध्यक्ष एवं निदेशक मंडल द्वारा लगातार दी जा रही सेवा विस्तार, केंद्र सरकार की संबंधित विभाग मौंन
गरीब दर्शन / पटना
भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा कृभको, बीते तीन वित्तीय वर्षों में अर्जित लाभ 1600 करोड़ से घटकर हुआ 330 करोड़ शीर्षक देकर हिंदी दैनिक अखबार गरीब दर्शन ने अपने 15 अगस्त 2024 के अंक में कृभको की लालफीताशाही को उजागर करते हुए प्रमुखता से छापा था परिणामस्वरूप पांचवी सेवा विस्तार की जुगत में लगे- भिड़े निवर्तमान प्रबंध निदेशक राजन चौधरी को कृभको के ज्वाइंट जनरल मैनेजर (एचआर) डी के यादव द्वारा 30 अगस्त 2024 को एक पत्र जारी करते हुए बर्खास्त कर दिया है।
वहीं कृभको के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह ने एक पत्र जारी करते हुए सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार में संस्था को अपनी लगातार सेवा दे रहे निदेशक तकनीक एमआर शर्मा को प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया है।
अब यहां यह एक यक्ष प्रश्न मुंहबाये खड़ा है कि जब कृभको के अर्जित लाभ में लगातार गिरावट दर्ज हो रहा था तो किस परिस्थिति में कृभको प्रबंधन द्वारा राजन चौधरी को निरंतर सेवा विस्तार दिया जा रहा था तथा जब राजन चौधरी को चार बार सेवा विस्तार दी गई तो पांचवी बार क्यों नहीं, इसका खुलासा प्रबंधन को करना होगा।
साथ- ही सेवानिवृत्ति के बाद थके- हारे लोगों को अधिक वेतनमान देकर कई निदेशक सहित उच्च पदों पर ढाई दर्जन से अधिक लोगों को लगातार सेवा विस्तार दिया जाना क्या कृभको के हित में उठाया गया कदम है। यहां यह भी सवाल उठ रहा है कि जब कृभको के विपणन निदेशक ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिला के एक डीलर को उर्वरक की आपूर्ति के एवज में अपने व्हाट्सएप मैसेज द्वारा एक अपने करीबी का एकाउंट नंबर देकर उस अकाउंट में करीब पांच लाख रुपया ली गई थी, जिसको लेकर कृभको के अखिल भारतीय सेवानिवृत्त अधिकारी संघ ने प्रबंध निदेशक को पुख्ता प्रमाण के साथ करीब आठ माह पहले एक शिकायत पत्र दी थी। किंतु अब तक कारवाई नहीं की गई है। जानकार बताते हैं कि कृभको के प्रबंधन में विपणन निदेशक के करीबी रिश्तेदार शामिल है। जिससे उन पर कारवाई नहीं की जा रही है। अब देखना बाकी है कि भारत सरकार के संबंधित विभाग कृभको में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की जांच तथा इसमें जमे भ्रष्ट अधिकारियों से कृभको को कब तक मुक्त करा पाती है, यह समय के गर्भ में है।