अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों के लूटखसोट व मनमानी की भेंट चढ़ गई नल जल योजना
✍️: समरेंद्र कुमार ओझा
गरीब दर्शन /सीवान।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार की योजना नलजल का यह हाल है की सम्पूर्ण सीवान का कोई भी ऐसा पंचायत नहीं है जिसके आधे वार्डों मे भी यह योजना सुचारु रूप से चल रही हो,, हमारे टीम के द्वारा जिले के कई पंचायतों का सघन दौरा किया गया और यह पाया गया की जिले का कोई भी मुखिया या फिर जिले के किसी भी प्रखंड के बीडीओ यह नहीं कह सकते है की अमुक पंचायत के सभी वार्डों मे नलजल योजना भलीभांति चल रही है, लोगो का कहना है की आमजन के द्वारा इस योजना के दुर्दशा के बारे मे पूछने पर जनप्रतिनिधि अधिकारीयों कों तो अधिकारी जनप्रतिनिधियों कों अर्थात एक-दूसरे कों जिम्मेदार ठहरा रहे है वही सुशासन बाबू की सरकार चिर निद्रा मे सोई हुई है उसे जनता की परेशानियों से कोई लेना – देना नहीं है। अब तो हालात यह हो गए है की लोग स्वच्छ पानी के अभाव मे बीमार हो रहे है इसका सभी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।इस योजना के शुरू होने का दुष्प्रभाव यह हुआ की लोगो के घरों से निजी चापाकल गायब हो गए वही गाँवो मे जो कुछ सरकारी चापाकल थे वह भी रख रखाव के अभाव मे मृतप्राय हो चुके है और मुख्यमंत्री की महत्वकाक्षी योजना कुछ दिनों तक सफलता पूर्वक चलने के बाद अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों के लूट खसोट व कर्तव्यहीनता की भेंट चढ़ गई।यह योजना किस प्रकार पटरी से उत्तर चुकी है इसका अंदाजा हमारे पाठक लोगो की की गई टिपण्णीयों से समझ सकते है!इस योजना के लाभुकों का स्पष्ट कहना है की यह योजना सिर्फ लूट का एक माध्यम था इसके आड़ मे अरबों का घोटाला हुआ है और वह भी सुशासन बाबू के आँखों के सामने, इस योजना की आड़ मे बिहार सरकार ने अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भारी लुटमारी करवाई है, अगर ऐसा नहीं है तो सरकार, अधिकारी व जनप्रतिनिधि आज क्यों मुंह फेर कर बैठे है, यह योजना जिस गति से शुरू हुई उससे भी अधिक तेजी से बिलुप्त हो गई अब गाँवों मे मुंह चिढ़ाती टंकिया दिखती है जिनमें अब कभी पानी नहीं जाता वही नल के जगह पर सुखी टोंटिया इस योजना के विफलता कों दर्शाती है तो वही लोगो का जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश यह बताने कों काफी है की इस योजना से लोगो कों क्या उम्मीदें थी वही लोग अधिकारीयों की अदूरदर्शिता, लाल फीताशाही और भर्ष्टाचार से आजीज आ जन आंदोलन का मूड बना रहा है।