शिशुओं में अंगूठा चूसने से दाँतों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है

डॉक्टर तौसीफ अहमद ज्या

मिंट डेंटल क्लिनिक में है दाँतों और मुह से जुड़ी हर रोग का है ईलाज

गरीब दर्शन / सीवान – अंगूठा चूसने से दाँतों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है । शिशुओं में यह एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है । जब वे चिंतित या तनावग्रस्त होते हैं तो वे खुशी प्राप्त करने के लिए अंगूठा चूसने की आदत बना लेते हैं जो कि सही नही है । इस आदत को जितना जल्दी हो सके अभिवावकों के चाहिए की छुड़ाए । अगर बचपन से यह आदत लंबे समय तक जारी रहती है तो इससे बच्चे के दाँतों के संरेखण और जबड़े के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है । उपरोक्त जानकारी मिंट डेंटल क्लिनिक में डॉक्टर तौसीफ अहमद ज्या ने गरीब दर्शन के प्रतिनिधि एनाएतुल्लाह नन्हे को दी । शहर के डॉक्टर कॉलोनी, रामाजी चौधरी मोड़ से 50 मीटर उत्तर, खुशी हेल्थ केयर के अंदर, ग्लोबल हॉस्पिटल के नजदीक, बड़हरिया रोड, सीवान में सेवा दे रहे डेंटल सर्जन ने बताया कि लगातार अंगूठा चूसने के कारण बच्चों के जबड़े और मुंह में कई जटिलताएँ हो सकती हैं । जैसे दाँत लगभग 2 एमएम बाहर निकल आते हैं, जीभ आगे-पीछे की ओर हिलती है व बार-बार अंगूठा चूसने से बच्चों में तोतलाहट हो सकती है जिसे बाद में बोलने में समस्या हो सकती है । डॉक्टर ज्या बताते हैं कि जब मुँह की छत ऊँची और अधिक संकरी होती है तो साइनस मार्ग के साथ ही नाक की संरचना प्रभावित होती है जिसके कारण साँस लेने में परेशानी होती है । साथ ही उनके जो स्थायी दाँत निकलते हैं उनमें अधिक समस्याएँ पैदा होती है । इसलिए ऐसे मामलों में लापरवाही नही करते हुए डेंटल सर्जन से दिखाना चाहिए । वे आगे बताते हैं कि अंगुठा चूसने के आदत को रोका नही गया तो बच्चे के चेहरे की संरचना में कुछ असामान्य बदलाव भी हो सकते हैं । वे बताते हैं कि अंगूठा चूसने की आदत को गार्जियन थोड़ा सा ध्यान दें तो छुड़ाया जा सकता है । बच्चा जब भी मुंह में अंगूठा डाले तो उन्हें बताएं के ये गलत आदत है । बच्चे के सबकॉन्सीयस माइंड में यह आदत बैठ जाती है जिसे छोड़ने में समय लगता है इसलिए प्यार दुलार से समझाया जाए तो बच्चा छोड़ सकता है । डॉक्टर तौसीफ ज्या आगे कहते हैं कि बच्चों को किसी भी प्रकार की जबरदस्ती न करें बल्कि प्यार से रिमाइंड कराएं और नीम का तेल या लाल या हरा मिर्च अंगूठे पर लगा देने से भी बच्चा कड़वापन के वजह से ये आदत छोड़ देता है । अगर तब भी ये आदत न छूटे तो अपने दाँतों के डॉक्टर से मिले जरूर मिलें । डेंटिस्ट कुछ हैबिट ब्रेकिंग अप्लायन्स देते हैं जो बच्चे के इस आदत को छुड़ाने में काफी मदद करतीती है ।

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